~¤Akash¤~
Prime VIP
बना बना के तमन्ना मिटाई जाती है
तरह तरह से वफ़ा आजमाई जाती है
जब उनको मेरी मोहब्बत का ऐतबार नहीं
तो झुका झुका के नज़र क्यों मिलाई जाती है
हमारे दिल का पता वोह हमें नहीं देते
हमारी चीज़ हमीं से छुपाई जाती है
दुरी - ए - मंजिल से ना उम्मीद ना हो
मंजिल अब आ ही जाती है, अब आ ही जाती है
तरह तरह से वफ़ा आजमाई जाती है
जब उनको मेरी मोहब्बत का ऐतबार नहीं
तो झुका झुका के नज़र क्यों मिलाई जाती है
हमारे दिल का पता वोह हमें नहीं देते
हमारी चीज़ हमीं से छुपाई जाती है
दुरी - ए - मंजिल से ना उम्मीद ना हो
मंजिल अब आ ही जाती है, अब आ ही जाती है