सर पे माँ की दुआओं का हाथ आ गया है.....

~¤Akash¤~

Prime VIP
वो ले के कयामत का ख्वाब आ गया है
यूँ रुख से हटा के, नकाब आ गया है

रातों को पलके फिर लगी झिलमिलाने
आँखों में फिर उसका ख्वाब आ गया है

यूँ वादा नहीं था कभी जिससे कोई
अचानक ही वो दिल नवाज आ गया है

हुई कैसी हलचल ये अ़ब के बज्म मे
"अयान" ले के मेरठ की शाम आ गया है

चाहता है वाइज मुझे फिर से मिटाना
मेरे नाम फिर कोई जाम आ गया है

बिछाये थे शोले जिसने मेरी रहगुजर पर
वो आँखों में ले के बरसात आ गया है

सज़िशो से अदू की "अयान" मर ही जाते
सर पे माँ की दुआओं का हाथ आ गया है.....
 
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