पाक पहल करे, तो भारत बढ़ाएगा कदम

भारत पाकिस्तान के साथ नया अध्याय शुरू करने के लिए तैयार है लेकिन उसके पहले पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी होगी। सऊदी अरब में मजलिस अल शूरा के सलाहकार परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते एक साथ एक साझा भविष्य से बंधे हुए हैं, भारत स्थायी शांति के लिए पाकिस्तान के साथ एक सहयोगी के रूप में काम करना चाहता है।

सिंह ने कहा, "हम पाकिस्तान के साथ सहयोगी संबंध चाहते हैं, हमारा लक्ष्य एक स्थायी शांति है, क्योंकि हम मानते हैं कि हम एक साथ एक साझा भविष्य से बंधे हैं। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग कायम होता है तो दोनों देशों के लिए व्यापार, पर्यटन और विकास के बेहतर अवसर खुलेंगे।

"अगर पाकिस्तान भारत के साथ सहयोग करने को तैयार है तो, हम अतिरिक्त मील चलने के लिए तैयार हैं। अपनी तीन दिवसीय सऊदी अरब यात्रा के दौरान सिंह ने कहा कि इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय खुल सकता है।

सिंह ने कहा कि भारत और सऊदी अरब को उग्रवाद और हिंसा से खतरा है, प्रधानमंत्री ने कहा, इतिहास "हमें सिखाता है कि आतंकवाद का सामना एकजुट प्रयासों से दृढ़ संकल्प के साथ किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के सामने आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है। वहां के लोगों को लंबे समय के लिए आतंकवाद का कहर सहन करना पड़ा है। उन्हें शांति के माहौल के साथ गरिमा पूर्ण जीवन जीने के अवसर दिए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि धर्म या अन्य किसी कारण से या शिकायत के नाम पर आतंक का पीछा सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकता है। आतंकवाद को किसी भी धर्म में मंजूरी नहीं दी गई है।

सिंह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया कि अफगान समाज जो एक आधुनिक, स्थिर और संप्रभु राष्ट्र के रूप में उभरने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। देश में आतंकवाद, हिंसा या अस्थिरता को बढ़ावा देने वालों को मदद नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ मित्रता पूर्ण व्यवहार रखना चाहता है और उसे लगता है कि दक्षिण एशिया के सभी देशों को क्षेत्र में शांति और समावेशी विकास कायम करने के संयुक्त प्रयास करने चाहिए।

सउदी अरब के राजा के सालहकार विधायी निकाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि इस्लाम भारत की राष्ट्रीयता और संस्कृति की समृद्धी का एक अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा, भारत ने इस्लामी सभ्यता के सभी पहलुओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मनमोहन सिंह ने कहा "हमारे 160 मिलियन मुसलमान हमारे राष्ट्र के निर्माण के प्रयासों में योगदान दे रहे हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे है. हमें हमारी साझी संस्कृति पर गर्व है।

द्विपक्षीय संबंधों के मुद्दे पर लौटते हुए उन्होंने कहा कि भारत सऊदी अरब को स्थिरता के एक स्तंभ के रूप में देख रहा है। रविवार को शाह अब्दुल्ला और सऊदी अन्य नेताओं के साथ मुलाकात की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि इस बातचीत से दोनों देशों के साझा हितों की पुन: पुष्टि हुई है और संबंध घनिष्ठ हुए हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत से हर साल यहाँ हज और उमरा के लिए आनेवाले भारतीयों के लिए सऊदी अरब का आभार व्यक्त किया। मनमोहन सिंह अपनी तीन दिवसीय सऊदी अरब यात्रा के बाद आज वापस भारत के लिए लौट गए हैं।
 
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