'चीन की चोंच नहीं चाहिए भारत-पाक के बीच'

भारत-पाकिस्तान विवाद में चीन द्वारा मध्यस्थता करने की पाकिस्तानी पेशकश को भारत ने ठुकरा दिया
है। रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत-पाक मसलों में किसी तीसरे पक्ष के बीचबचाव की जरूरत नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और पाक आपसी मसले केवल द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझाएंगे और इसमें चीन या किसी तीसरे देश को शामिल करने की जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को सुधारने में भूमिका निभाने के लिए चीन के पास पाकिस्तान का ब्लैंक चेक है। कुरैशी के मुताबिक यह भारत को तय करना होगा कि वह चीन की भूमिका पसंद करेगा या नहीं।

एंटनी ने कहा कि भारत की मूल नीति यह है कि भारत-पाक मामलों में किसी तीसरे पक्ष को शामिल न किया जाए। गौरतलब है कि 25 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बातचीत तय है और इसके पहले दोनों देशों ने बातचीत के अजेंडा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, जिससे बातचीत में पॉजिटिव प्रगति पर शंका जाहिर की जा रही है।

पेइचिंग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक चीन का दौरा कर रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने चीन के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ तनाव कम करने के लिए चीन की किसी भी भूमिका का स्वागत करेगा। पाकिस्तान का चीन पर भरोसा है, इसलिए वह चीन से अपेक्षा करता है। लेकिन कुरैशी की इस टिप्पणी पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों चीन के महत्वपूर्ण पड़ोसी दोस्त देश हैं। चीन और पाकिस्तान दोनों साझा तौर पर क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए कटिबद्ध हैं।

कुरैशी ने यह भी कहा था कि मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव दूर करने में पाकिस्तान ने सकारात्मक भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रिश्तों ने ऐसी मिसाल पेश की है, जिसका अनुसरण दूसरे देशों को करना चाहिए।
 
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