JobanJit Singh Dhillon
Elite
क्या करते हो बात ऊँचाइओ की
रोज आसमानों को छू लिया करते है
क्या करते हो बात इम्तिहानो की
रोज मुश्किलों का सामना किया करते है
क्या करते हो बात आशिअनो की
रोज बाहर रात बसर किया करते है
क्या करते हो बात तन्हाईयो की
रोज खुद ही से बातें किया करते है
क्या करते हो बात पैमानों की
रोज जी भर के पिया करते है
क्या करते हो बात ज़माने की
रोज लाखो ही सितम लोग किया करते है
क्या करते हो बात ज़ख्मो की
रोज कितने अपने हाथो से सिया करते है
क्या करते हो बात चले जाने की
रोज मर मर के जिया करते है
कलम:- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )
रोज आसमानों को छू लिया करते है
क्या करते हो बात इम्तिहानो की
रोज मुश्किलों का सामना किया करते है
क्या करते हो बात आशिअनो की
रोज बाहर रात बसर किया करते है
क्या करते हो बात तन्हाईयो की
रोज खुद ही से बातें किया करते है
क्या करते हो बात पैमानों की
रोज जी भर के पिया करते है
क्या करते हो बात ज़माने की
रोज लाखो ही सितम लोग किया करते है
क्या करते हो बात ज़ख्मो की
रोज कितने अपने हाथो से सिया करते है
क्या करते हो बात चले जाने की
रोज मर मर के जिया करते है
कलम:- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )