~¤Akash¤~
Prime VIP
ऐसे ही बस हम अपने दिन रात किया करते थे
हर शब् हर दिन बस तेरी ही बात किया करते थे
कट जाये दिन सारा बस यूँ ही तेरी गलियों में
सब से हम बातें यूँ ही बिन बात किया करते थे
नींद उठा के ले आती थी हर शब् तेरी यादें
आँखों ही आँखों में सारी रात किया करते थे
दिख जाये बस ,रोज तका करते थे तेरी खिड़की
धूप के दिन भी वहीँ,वहीँ बरसात किया करते थे
ना ही वो खिड़की हैं अब और ना ही कोई चेहरा
आज कहें किस से क्या....किसकी बात किया करते थे...
हर शब् हर दिन बस तेरी ही बात किया करते थे
कट जाये दिन सारा बस यूँ ही तेरी गलियों में
सब से हम बातें यूँ ही बिन बात किया करते थे
नींद उठा के ले आती थी हर शब् तेरी यादें
आँखों ही आँखों में सारी रात किया करते थे
दिख जाये बस ,रोज तका करते थे तेरी खिड़की
धूप के दिन भी वहीँ,वहीँ बरसात किया करते थे
ना ही वो खिड़की हैं अब और ना ही कोई चेहरा
आज कहें किस से क्या....किसकी बात किया करते थे...