हिर्शोहवस में कोई कमी क्यों नहीं हुई सुख पा के भी ये दुनिया सुखी क्यों नहीं हुई जो मिल सका ना उसका ही ग़म क्यों किया गया जो कुछ मिला था उसकी ख़ुशी क्यों नहीं हुई.........