~¤Akash¤~
Prime VIP
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं
रात भी आई थी और चाँद भी था
सांस भी वैसे ही चलती है हमेशा की तरह
आँख वैसे ही झपकती है हमेशा की तरह, बस थोडी सी भीगी हुई रहती है
और कुछ भीं नहीं, तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं
होंठ खुश्क होते हैं प्यास भी लगती है आजकल शाम ही से सर्द हवा चलती है
बात करने से धुआं उठता है जो मगर दिल का नहीं
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं
रात भी आई थी और चाँद भी था हाँ मगर नींद नहीं, नींद नहीं..........
रात भी आई थी और चाँद भी था
सांस भी वैसे ही चलती है हमेशा की तरह
आँख वैसे ही झपकती है हमेशा की तरह, बस थोडी सी भीगी हुई रहती है
और कुछ भीं नहीं, तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं
होंठ खुश्क होते हैं प्यास भी लगती है आजकल शाम ही से सर्द हवा चलती है
बात करने से धुआं उठता है जो मगर दिल का नहीं
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं
रात भी आई थी और चाँद भी था हाँ मगर नींद नहीं, नींद नहीं..........