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इस घर में भगत सिंह बनाते थे योजनाएं, बिना देख रेख हुआ जर्जर
शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म दिवस है।
फिरोजपुर.28 सितंबर को शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म दिवस है। भगत सिंह का फिरोजपुर से गहरा नाता रहा है। यहां के तूड़ी बाजार स्थित एक इमारत भगत सिंह और उनके साथियों की सरगर्मियां की गवाह है। इस इमारत में वे 10 अगस्त 1928 से लेकर 9 फरवरी 1929 तक रहे। इतिहास के जानकार एवं फिरोजपुर में क्रांतिकारियों का गुप्त ठिकाना पुस्तक के रचयिता राकेश कुमार ने ऐसे अनेक तथ्य जुटाए हैं जिनसे यह साबित होता है कि भगत सिंह के लिए फिरोजपुर अहत स्थल रहा। वे यहां अपना नाम बदलकर रहते थे और गुप्त रूप से योजना यहीं पर बनाते थे।
यहां पर भगत सिंह उनके साथी एयर गन से निशानेबाजी भी सीखते थे। इसी इमारत में भगत सिंह ने अपने केस और दाढ़ी काटी थी। क्रांतिकारी शिव वर्मा ने इसी मकान में चांद के फांसी विशेष अंक के लिए कुछ राजनीतिक शहीदों की जीवनियां लिखी थीं। इसी प्रकार अनेक ऐसी घटनाएं हैं जिनके चलते इस इमारत का महत्व बढ़ जाता है। यहां के लेखराज से क्रांतिकारियों ने रावलपिंडी से अपना ठिकाना फिरोजपुर में बनाने के लिए मकान किराए पर लिया था। अब इस इमारत की देखभाल के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इसकी मलकियत कृष्णा भगती सत्संग ट्रस्ट के नाम पर है। पंजाब सरकार की ओर से इस इमारत को प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारक और पुरातत्व स्थान एक्ट के तहत सुरक्षित स्मारक घोषित करने का प्राथमिक नोटिफिकेशन किया जा चुका है।
संस्थाएं निकाय मंत्री को सौंप चुकी हैं ज्ञापन
इसइमारत को म्यूजियम बनाए जाने की मांग उठने लगी है। इंकलाबी लोक संग्राम मंच, एआईएसएफ सहित अनेक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इस इमारत को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाए। हाल ही में 15 अगस्त को फिरोजपुर आए पर्यटक मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को विभिन्न संगठनों ने इस इमारत को म्यूजियम के रूप में विकसित करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा तो उन्होंने कहा था कि इस पर सरकार जरूर ध्यान देगी और इस इमारत को विकसित किया जाएगा।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म दिवस है।
फिरोजपुर.28 सितंबर को शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म दिवस है। भगत सिंह का फिरोजपुर से गहरा नाता रहा है। यहां के तूड़ी बाजार स्थित एक इमारत भगत सिंह और उनके साथियों की सरगर्मियां की गवाह है। इस इमारत में वे 10 अगस्त 1928 से लेकर 9 फरवरी 1929 तक रहे। इतिहास के जानकार एवं फिरोजपुर में क्रांतिकारियों का गुप्त ठिकाना पुस्तक के रचयिता राकेश कुमार ने ऐसे अनेक तथ्य जुटाए हैं जिनसे यह साबित होता है कि भगत सिंह के लिए फिरोजपुर अहत स्थल रहा। वे यहां अपना नाम बदलकर रहते थे और गुप्त रूप से योजना यहीं पर बनाते थे।
यहां पर भगत सिंह उनके साथी एयर गन से निशानेबाजी भी सीखते थे। इसी इमारत में भगत सिंह ने अपने केस और दाढ़ी काटी थी। क्रांतिकारी शिव वर्मा ने इसी मकान में चांद के फांसी विशेष अंक के लिए कुछ राजनीतिक शहीदों की जीवनियां लिखी थीं। इसी प्रकार अनेक ऐसी घटनाएं हैं जिनके चलते इस इमारत का महत्व बढ़ जाता है। यहां के लेखराज से क्रांतिकारियों ने रावलपिंडी से अपना ठिकाना फिरोजपुर में बनाने के लिए मकान किराए पर लिया था। अब इस इमारत की देखभाल के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इसकी मलकियत कृष्णा भगती सत्संग ट्रस्ट के नाम पर है। पंजाब सरकार की ओर से इस इमारत को प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारक और पुरातत्व स्थान एक्ट के तहत सुरक्षित स्मारक घोषित करने का प्राथमिक नोटिफिकेशन किया जा चुका है।
संस्थाएं निकाय मंत्री को सौंप चुकी हैं ज्ञापन
इसइमारत को म्यूजियम बनाए जाने की मांग उठने लगी है। इंकलाबी लोक संग्राम मंच, एआईएसएफ सहित अनेक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इस इमारत को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाए। हाल ही में 15 अगस्त को फिरोजपुर आए पर्यटक मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को विभिन्न संगठनों ने इस इमारत को म्यूजियम के रूप में विकसित करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा तो उन्होंने कहा था कि इस पर सरकार जरूर ध्यान देगी और इस इमारत को विकसित किया जाएगा।