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किसी और के सामने न करें पत्नी की बुराई
धर्मनीति और कूटनीति का पाठ पढ़ाने वाले आचार्य चाणक्य ने पति-पत्नी के रिश्तों पर भी गहरी बातें सामने रखी हैं। वहीं चाणक्य कहते थे कि पुरुषों को कई ऐसी बातें सिर्फ राज रखनी चाहिए जिसे सिर्फ वो जानता है। कहने का मतलब यह है कि पुरुषों को चुनिंदा बातें हर किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके दुख कम होने के बजाए दुख बढ़ने की संभावना और प्रबल हो जाती है। जानिए आचार्य चाणक्य ने किन बातों को किसी को भी न बताने की सलाह दी है।
समाज में हर किसी को कभी न कभी पैसों का घाटा या लाभ होता ही है, कुछ इन दोनों बातों को साझा नहीं करते तो कुछ सिर्फ अपने घाटे का रोना हर किसी के सामने रोते रहते हैं। आचार्य चाणक्य का कहना था कि अगर आप गरीब है तो कभी भी अपनी धन हानि की बातें सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए क्योंकि गरीब की मदद को बेहद कम लोग ही सामने आते हैं। ऐसे में आप अगर किसी को बताते हैं कि आपको पैसे का घाटा हुआ है तो लोग संवेदना जरूर प्रकट कर देते हैं लेकिन मदद करने को कोई भी आगे नहीं आता।
आचार्य का कहना था कि कभी भी अपना दुख औरों के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना भी आपके लिए बेहतर नहीं होता। अगर किसी को बताते हैं कि आप फलां कारण से परेशान हैं तो ऐसा संभव है कि लोग आपकी भावनाओं को न समझें और आपकी मदद न करें। इसलिए अपने मन के दुख को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए। ऐसा कई बार होता है कि लोग आपके दुख को लेकर आपका मखौल तक बना देते हैं। ऐसा यकीनन होता है और अगर दुख के समय में कोई ऐसा करता है तो आपकी पीड़ा कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए अपने अहम राज में मन में ही दफ्न रखें।
पत्नी के चरित्र को किसी और के सामने साझा न करें
अगर आपकी पत्नी अच्छी नहीं है, या उसमें कई सारी बुराईयां हैं तो भी यह बात आपको किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। अगर आपकी पत्नी अवगुणी या अधर्मी है तो इस बात को आपको गुप्त ही रखना चाहिए। आचार्य का मानना है कि सज्जन पुरुष लाख अवगुण होने पर भी अपनी पत्नी के बारे में किसी और से बात नहीं करते क्योंकि वो जानते हैं ऐसा करने से उन्हें मानसिक शांति के बजाए और दुख ही मिलेगा। क्योंकि घर की बातें जब बाहर जाती हैं तो सिर्फ दुख दी दुख घर के भीतर दाखिल होता है।
बुरे व्यक्ति ने किया हो अपमान तो भी न बताएं-
चाणक्य का कहना था कि अगर जीवन में कभी भी कोई नीच या छोटा व्यक्ति आपका अपमान करता है, तो भी यह बात अपने तक ही सीमित रखनी चाहिए। क्योंकि उनका कहना था कि अगर इस तरह की बातें और लोगों के जेहन में जाती हैं तो उससे आपका दुख कम नहीं होता बल्कि आप उपहास के पात्र बन जाते हैं, जो आपके दुख में और इजाफा कर देता है।
धर्मनीति और कूटनीति का पाठ पढ़ाने वाले आचार्य चाणक्य ने पति-पत्नी के रिश्तों पर भी गहरी बातें सामने रखी हैं। वहीं चाणक्य कहते थे कि पुरुषों को कई ऐसी बातें सिर्फ राज रखनी चाहिए जिसे सिर्फ वो जानता है। कहने का मतलब यह है कि पुरुषों को चुनिंदा बातें हर किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके दुख कम होने के बजाए दुख बढ़ने की संभावना और प्रबल हो जाती है। जानिए आचार्य चाणक्य ने किन बातों को किसी को भी न बताने की सलाह दी है।
समाज में हर किसी को कभी न कभी पैसों का घाटा या लाभ होता ही है, कुछ इन दोनों बातों को साझा नहीं करते तो कुछ सिर्फ अपने घाटे का रोना हर किसी के सामने रोते रहते हैं। आचार्य चाणक्य का कहना था कि अगर आप गरीब है तो कभी भी अपनी धन हानि की बातें सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए क्योंकि गरीब की मदद को बेहद कम लोग ही सामने आते हैं। ऐसे में आप अगर किसी को बताते हैं कि आपको पैसे का घाटा हुआ है तो लोग संवेदना जरूर प्रकट कर देते हैं लेकिन मदद करने को कोई भी आगे नहीं आता।
आचार्य का कहना था कि कभी भी अपना दुख औरों के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना भी आपके लिए बेहतर नहीं होता। अगर किसी को बताते हैं कि आप फलां कारण से परेशान हैं तो ऐसा संभव है कि लोग आपकी भावनाओं को न समझें और आपकी मदद न करें। इसलिए अपने मन के दुख को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए। ऐसा कई बार होता है कि लोग आपके दुख को लेकर आपका मखौल तक बना देते हैं। ऐसा यकीनन होता है और अगर दुख के समय में कोई ऐसा करता है तो आपकी पीड़ा कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए अपने अहम राज में मन में ही दफ्न रखें।
पत्नी के चरित्र को किसी और के सामने साझा न करें
अगर आपकी पत्नी अच्छी नहीं है, या उसमें कई सारी बुराईयां हैं तो भी यह बात आपको किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। अगर आपकी पत्नी अवगुणी या अधर्मी है तो इस बात को आपको गुप्त ही रखना चाहिए। आचार्य का मानना है कि सज्जन पुरुष लाख अवगुण होने पर भी अपनी पत्नी के बारे में किसी और से बात नहीं करते क्योंकि वो जानते हैं ऐसा करने से उन्हें मानसिक शांति के बजाए और दुख ही मिलेगा। क्योंकि घर की बातें जब बाहर जाती हैं तो सिर्फ दुख दी दुख घर के भीतर दाखिल होता है।
बुरे व्यक्ति ने किया हो अपमान तो भी न बताएं-
चाणक्य का कहना था कि अगर जीवन में कभी भी कोई नीच या छोटा व्यक्ति आपका अपमान करता है, तो भी यह बात अपने तक ही सीमित रखनी चाहिए। क्योंकि उनका कहना था कि अगर इस तरह की बातें और लोगों के जेहन में जाती हैं तो उससे आपका दुख कम नहीं होता बल्कि आप उपहास के पात्र बन जाते हैं, जो आपके दुख में और इजाफा कर देता है।