Punjab News अपनों से ही घिर गए मंत्री

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शुक्रवार को भाजपा के तीन मंत्रियों को अपनी पार्टी के विधायकों के कारण ही नामोशी का सामना करना पड़ा। स्थानीय निकाय मंत्री मनोरंजन कालिया और परिवहन मंत्री मास्टर मोहन लाल को बटाला से विधायक जगदीश साहनी ने घेर लिया जबकि स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मी कांता चावला के लिए अकाली विधायक गुरबचन सिंह बब्बहाली और जगदीश साहनी ने मुश्किलें खड़ी कीं।


कालिया साहनी के शब्दजाल में उस समय फंस गए जब वह कांग्रेसी विधायक सुनील जाखड़ के प्रश्न पर अनुपूरक प्रश्न करने के लिए खड़े हुए। साहनी ने जानना चाहा कि म्युनिसिपल डेवलपमेंट फंड के अधीन सीवरेज डालने वाले शहरों के चयन का मापदंड क्या है? कालिया इसका कोई सीधा उत्तर नहीं दे सके। उन्होंने बताया कि यह फैसला केंद्र द्वारा फंड उपलब्ध करवाने के बाद मुख्यमंत्री और वह खुद तय करते हैं।


साहनी ने कहा कि इससे तो लगता है कि जहां मंत्री मेहरबान वहीं सीवरेज डाल दिया जाता है जहां नहीं वहां के लोग धक्के खाएं। किसी कांग्रेसी विधायक ने इस मौके उन्हें वाकआउट कर जाने की सलाह दी तो साहनी चिढ़ गए उन्होंने कहा, ‘मैं पागल नहीं हूं, मैं लड़ सकता हूं वाकआउट नहीं कर सकता।’ उन्होंने मंत्री से कहा ,‘मैं बटाला के लिए फंड नहीं मांग रहा मैं तो मापदंड पूछ रहा हूं।’सुनील जाखड़ ने भी सरकार पर पिक एंड चूज की नीति अपनाने का आरोप लगाया।


साहनी ने सबसे बड़ी परेशानी मास्टर मोहन लाल के लिए उस समय खड़ी की जब मोहन लाल आदमपुर के विधायक सरबजीत मक्कड़ के आदमपुर से वारास्ता भोगपुर अलावलपुर से सरकारी बस चलाने की मांग को यह कहते हुए दरकिनार कर रहे थे कि यह रूट व्यावहारिक नहीं है। साहनी ने पूछा,‘क्या सरकार लाले की हट्टी है जो नफे नुकसान की बात कर रही है। सरकार का फर्ज है कि जो रूट अनइक्नॉमिकल हैं उन पर बस चलाकर लोगों को सुविधा दे।’ इससे पहले अकाली विधायक मक्कड़ ने भी कहा, ‘क्या हम भी लोगों को यह कह दें कि इस रूट पर बस नहीं चलाई जा सकती। लोग तो इन गांवों में जाते ही हम पर बरसने लगते हैं।’


साहनी ने अपनी पार्टी की तीसरी मंत्री प्रो.लक्ष्मी कांता चावला को भी नहीं बख्शा। गुरदासपुर में 100 बिस्तर के अस्पताल को 150 बैड का करने के बारे में जब चावला जवाब दे रही थीं तो साहनी ने अस्पताल की पार्किग व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। साहनी के अपने ही मंत्रियों पर किए गए ताबड़तोड़ हमलों को देखकर विपक्षी सदस्य मेजें थपथपाते रहे।
 
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