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हम वंशवाद की राजनीति नहीं करते, पार्टी के काम को आगे बढ़ाएंगे: अमित शाह



नई दिल्ली.बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन चली मीटिंग सोमवार को खत्म हुई। पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह ने वंशवाद पर दिए राहुल गांधी के बयान पर कहा, "बीजेपी वंशवाद की राजनीति नहीं करती। अगले 5 साल में बीजेपी का हर वर्कर पार्टी और उसके काम को आगे ले जाने का काम करेगा।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं से कहा कि भ्रष्टाचार की लड़ाई में किसी को छोड़ेंगे नहीं, मेरा कोई रिश्तेदार नहीं। बीजेपी पर देश की जनता ने भरोसा जताया है। बता दें कि बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मिशन 360 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें शाह ने एक सीक्रेट प्लान भी बनाया है, जिसे उन्होंने पार्टी मीटिंग में शेयर किया। हिंसा की राजनीति से नहीं डरती बीजेपी...
- पीयूष गोयल के मुताबिक, शाह ने कहा- "मोदी ने जो नए भारत का विजन रखा है। नए भारत का सपना देश के 125 करोड़ लोगों का सपना है। यह बीजेपी के हर कार्यकर्ता का निश्चय है। इस काम में पूरी पार्टी अगले पांच साल तक पार्टी का विस्तार, पार्टी के काम का विस्तार और जनता के हितों के काम में हम लगने वाले हैं।"
- "हिंसा की राजनीति करने वाले वाम दलों और बंगाल में जो राजनीति चल रही है उसकी हम निंदा करते हैं। हिंसा से बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। इसका लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देने में बीजेपी सक्षम है। केरल में बीजेपी कार्यकर्ता पदयात्रा करके जनता के साथ जुड़ेंगे और केरल की जनता का आशीर्वाद और समर्थन इस हिंसा को रोकने में लेंगे। हमारा मानना है कि हिंसा की कीचड़ कोई कितना भी फैलाए बीजेपी का कमल और निखरकर सामने आएगा।"
- राहुल गांधी भारत की उपब्लिधों को नकार रहे हैं। राहुल ने भारत में वंशवाद की बात कही। भारत की जनता इसे नकारती है। बीजेपी सुशासन की राजनीति में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि राजनीति ऐसी हो जो जनता की सेवा करने में लगे। देश में हर व्यक्ति के जीवन को सुधार सके। उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सके, बीजेपी ऐसी राजनीति में विश्वास करती है। भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। साठ करोड़ से ज्यादा गरीब अपना भविष्य उज्ज्वल होता देख रहे हैं।"
लोकतंत्र को चुनाव से आगे लेकर जाए: मोदी
- अरुण जेटली के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा, "13 मुख्यमंत्री, 6 डिप्टी सीएम, 7 केंद्रीय मंत्री, 232 राज्यमंत्री, 1515 एमएलए, 334 सांसदों की कार्यसमिति बनाई गई है। ये देश की आशा और आकांक्षा का केंद्र बिंदु है। देश ने बीजेपी में विश्वास जताया। भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ने और चुनाव जीतने के साथ-साथ विश्वास और सत्ता को साधन माने। इस साधन से लोकतंत्र को चुनाव से आगे लेकर जाए।''
- "यूपी में टॉयलेट को इज्जतघर कहा गया। ये शब्दावली लोगों को जोड़ती है। इसलिए कार्यक्रमों योजनाओं की भाषा और शब्दावली सरल हो और ऐसी हो, जो लोगों को जोड़ने वाली बने। विपक्ष जब सत्ता में थे, तो सत्ता उनके लिए उपभोग था। वो उपभोग की साधना थी इसलिए विपक्ष में कैसे रहना है, ये उन्हें समझ में नहीं आया। कई बार विपक्ष बहुत कड़वाहट वाले शब्दों का इस्तेमाल करता है। जब तक कोई आरोप नहीं हो, तब तक ऐसे शब्द उसका विकल्प नहीं हो सकते हैं।'' https://www.bhaskar.com/news/NAT-NA...tional-executive-meet-5704412-PHO.html?ref=ht
- गोयल के मुताबिक शाह ने कहा, "हम सबके लिए खुशी की बात है कि पीएम ने एक साल पहले जो बात कोझिकोड में रखी थी कि बीजेपी का विस्तार पूरे देश में हो। यह जिम्मेदारी बीजेपी के कार्यकर्ताओं को सौंपी गई। इसके तहत 3 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता बूथ पर जाकर बीजेपी के काम और नीतियों को लेकर काम कर रहे हैं।"
- नितिन गडकरी ने बताया, "मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में विकास का मुद्दा उठा। इस बात पर एकराय बनी कि आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई जाएगी। प्रधानमंत्री पूरे विश्व में आतंकवाद के मुद्दे को प्राथमिकता देने और पाक को एक्सपोज करने में सफल हुए।"

शाह का प्लान

- अमित शाह ने 360 सीटें जीतने के लिए एक सीक्रेट इलेक्शन प्लान बनाया है। शाह के इलेक्शन प्लान की सीक्रेट रिपोर्ट दैनिक भास्कर के पास मौजूद है। बीजेपी 18 राज्यों की उन 123 लोकसभा सीटों पर प्लान को लागू करेगी, जहां दूसरी पार्टियां मजबूत रही हैं।
बीजेपी नेशनल एग्जीक्यूटिव मीटिंग में ढाई लाख हारे हुए सरपंचों को जोड़ने का टारगेट

- बीजेपी इस प्लान को सबसे पहले वहां लागू करेगी, जहां पार्टी बेहद कमजोर है। इनमें मध्य प्रदेश की रतलाम, छिंदवाड़ा, गुना, हरियाणा की रोहतक, छत्तीसगढ़ की दुर्ग, पंजाब की अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, संगरूर, पटियाला जैसी 18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटें हैं। ये सीटें कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों का अभेद्य गढ़ रही हैं।
- इन जगहों पर कांग्रेस और विपक्ष के बूथ वर्कर्स को बीजेपी अपने साथ जोड़ने के लिए कैम्पेन चलाएगी। साथ ही, देश की ढाई लाख पंचायतों में हारे हुए सरपंचों को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। इस काम के लिए शाह ने अपनी सबसे बेस्ट टीम को जिम्मेदारी सौंपी है।
चुनाव को लेकर शाह के 3 गेम चेंजर आइडिया
1. लोकसभा की जिन सीटों पर बीजेपी कभी नहीं जीती या पिछली बार बड़े अंतर से हार गई, ऐसी सभी सीटों पर कांग्रेस के बूथ लेवल के वर्कर्स को पार्टी में शामिल करना, ताकि कांग्रेस को जड़ से कमजोर किया जा सके। चुनाव से पहले हर बूथ पर 20 दलितों की टोली तैनात होगी।
2. 18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटों पर अगले दो महीने में बीजेपी के प्रत्याशियों का पैनल बनाकर कैंडिडेट तय करना, ताकि उन्हें तैयारी करने का पूरा समय मिले। वे क्षेत्र में जाकर लोगों को जोड़ सकें।
3. देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हारे सरपंच कैंडिडेट को जोड़ना। मौजूदा सरपंचों के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी का डर है।
ये है चुनाव की जमीन तैयार करने की रणनीति

# कांग्रेस के गांवों में फैले नेटवर्क को खत्म करना
- कुछ इलाके के गांवों में कांग्रेस का नेटवर्क बीजेपी से मजबूत है। वहां कांग्रेस के बूथ वर्कर्स को बीजेपी की मेंबरशिप दिलाई जाए। मदद संघ का लोकल नेटवर्क करेगा।

# विपक्ष में असंतोष का फायदा उठाना
- जहां विपक्ष के नेताओं में फूट है, वहां दोनों गुटों में आपसी असंतोष को और बढ़ाना, ताकि उस स्थिति का फायदा भाजपा उठा सके।

# आरटीआई-पीआईएल से आंदोलन खड़ा करना
- जहां बीजेपी कमजोर है, वहां लोगों को जोड़ने के लिए मोदी की योजनाओं का प्रचार किया जाए। साथ ही आरटीआई और पीआईएल के जरिए आंदोलन खड़ा किया जाए।

# एनजीओ-धार्मिक संस्थाओं से मेलजोल बढ़ाना
- क्षेत्र के गैर सरकारी संगठन, सामाजिक काम करने वाली संस्थाओं से लगातार कॉन्टैक्ट करना। उनसे अच्छे रिश्ते बनाना, ताकि चुनाव में फायदा मिल सके।

# हर असेंबली में 5 वॉट्सऐप ग्रुप बनाना
- हर विधानसभा क्षेत्र में 5 वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर 1250 लोगों को सोशल वारियर के रूप में तैयार करना। हर बूथ पर 20 दलितों को मेंबर बनाकर सक्रिय किया जाए।
 
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