हम प्यार मैं हर रस्म निभाते चले गये,
वो कदम कदम पर हमको मिटाते चले गये.
हमने शिकवा न किया उनकी बेवफाई का,
लेकिन वह फिर भी दामन बचाते चले गये.
आंखो में उनकी समाया था मय का सागर,
हमें होश नही था वह इतनी पिलाते चले गये.
दुख इतने बड़े कि वक़्त काटे नही कटता,
हम सुख की चाह में सब कुछ लुटाते चले गये.
दुनिया को मेरे दर्द का अहसास नही होता,
हम हर महफिल में हाले-दिल सुनाते चले गये.
कोई आये, सहारा दे मेरी डुबती कश्ती को,
नाखुदा तो मेरे सफीने को डुबाते चले गये.
लौटा नही करते जाने वाले, यह सच है "बबलू"
फिर क्यों हम राहों में पलकें बिछाते चले गये.
वो कदम कदम पर हमको मिटाते चले गये.
हमने शिकवा न किया उनकी बेवफाई का,
लेकिन वह फिर भी दामन बचाते चले गये.
आंखो में उनकी समाया था मय का सागर,
हमें होश नही था वह इतनी पिलाते चले गये.
दुख इतने बड़े कि वक़्त काटे नही कटता,
हम सुख की चाह में सब कुछ लुटाते चले गये.
दुनिया को मेरे दर्द का अहसास नही होता,
हम हर महफिल में हाले-दिल सुनाते चले गये.
कोई आये, सहारा दे मेरी डुबती कश्ती को,
नाखुदा तो मेरे सफीने को डुबाते चले गये.
लौटा नही करते जाने वाले, यह सच है "बबलू"
फिर क्यों हम राहों में पलकें बिछाते चले गये.