'उजाले' के लिए 1 घंटे के लिए अंधेरे में डूबी द&#2369

शनिवार रात ठीक 8.30 बजे। भारत का इंडिया गेट अंधेरे में, मलयेशिया का पेट्रोनस टावर की बत्ती गुल, टोकियो टावर में भी अंधेरा


अर्थ आवर के दौरान कुछ यूं अंधेरे में डूबा रहा इंडिया गेट।
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...। एक घंटे तक दुनिया भर में यही नजारा था। जी नहीं, पूरी दुनिया में अचानक बिजली संकट पैदा नहीं हो गया था। दरअसल यह बिजली और पर्यावरण को बचाने की मुहिम ( अर्थ आवर) थी, जिसमें करोड़ों लोगों ने एक साथ शिरकत की। 8.30 से 9.30 बजे तक करोड़ों लोगों ने बत्तियां बुझाकर और अपने इलेक्ट्रिक अपकरणों को बंद कर इस मुहिम में शिरकत की।

भारत के कई शहरों में इस एक घंटे के दौरान बत्तियां नहीं जलाई गईं। स्कूली बच्चे मोमबत्तियां लेकर सड़कों पर निकले और लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया। हमेशा रोशनी से जगमगाता रहने वाला इंडिया गेट भी एक घंटे के लिए अंधेरे में डूबा रहा।

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा शुरू किए गए अर्थ आवर अभियान में दुनिया के 100 से अधिक देश और 5 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हो चुके हैं। वर्ल्ड के 6 हजार शहरों के लोग पर्यावरण के प्रति चिंता जाहिर करते हुए एक घंटे के लिए इसका हिस्सा बने। भारत में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु सहित 15 बड़े शहर आधिकारिक रूप से अर्थ आवर में शामिल हुए। गौरतलब है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और फिल्म स्टार अभिषेक बच्चन ब्रैंड एंबेसेडर के रूप में इस मुहिम से जुड़े थे।
 
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