~¤Akash¤~
Prime VIP
ज़िन्दगी एक पल भी अब तो रूकती नहीं
उम्र-ए-रफ्ता करूँ क्या मेरी थमती नहीं
रंग सब उड़ गये बादलों की तरह
धडकनें भी रवां हो के चलती नहीं
सांस ये तेरी यादों से चलती हैं अब
तेरी यादें हैं महंगी होती सस्ती नहीं
जिस्म रूह में ढल के हवा हो गया
तेरी जानिब हवाएं पर चलती नहीं
हाथ उठते नहीं आसमां की तरफ
खुदा से दुआ जा के मिलती नहीं
सूरत तो मिलती हैं उससे सदा
पर दिल की कोई बात मिलती नहीं
ज़िन्दगी हैं अयान शायद एक रात की
क्यूँ रुक के खड़ी हैं रात चलती नहीं..
उम्र-ए-रफ्ता करूँ क्या मेरी थमती नहीं
रंग सब उड़ गये बादलों की तरह
धडकनें भी रवां हो के चलती नहीं
सांस ये तेरी यादों से चलती हैं अब
तेरी यादें हैं महंगी होती सस्ती नहीं
जिस्म रूह में ढल के हवा हो गया
तेरी जानिब हवाएं पर चलती नहीं
हाथ उठते नहीं आसमां की तरफ
खुदा से दुआ जा के मिलती नहीं
सूरत तो मिलती हैं उससे सदा
पर दिल की कोई बात मिलती नहीं
ज़िन्दगी हैं अयान शायद एक रात की
क्यूँ रुक के खड़ी हैं रात चलती नहीं..