यारब कमी कर अब तो कुछ मेरी मैयार ए प्यास मे मैं हूँ सहरा सहरा भटक रहा किसी एक बूँद की आस मे अ साकिये कम निगाह कभी एक बार तो देख ले कोई जाने कब से तरस रहा तेरी एक नज़र की तलाश मे.