~¤Akash¤~
Prime VIP
ख्वाबे परीशा मे सही पर वो मुझे मिलता रहे
खुदाया मेरे, उससे मेरी दोस्ती जिन्दा रहे
करदे दरफ्शा आज तो यारब कोई मुश्किल मे है
कुछ तो रहम मेरे खुदा कभी तेरा मुझ पर भी रहे
जिस्म ए खाकी, सर मेरा अब तक तमकनत मे रहा
ख़ाकसारी दे मुझे या फिर ये सर ही ना रहे
कब तलक बन कर रहेगा अ अयान-ए-मुन्तजिर
इब्तदा-ए-मरासिम कभी तेरे दम पर भी रहे
यारब मिला दे ख़ाक मे या उम्र ऐसी दे मुझे
जो दिल से है मुझे चाहता उससे तो अपनापन रहे.....
खुदाया मेरे, उससे मेरी दोस्ती जिन्दा रहे
करदे दरफ्शा आज तो यारब कोई मुश्किल मे है
कुछ तो रहम मेरे खुदा कभी तेरा मुझ पर भी रहे
जिस्म ए खाकी, सर मेरा अब तक तमकनत मे रहा
ख़ाकसारी दे मुझे या फिर ये सर ही ना रहे
कब तलक बन कर रहेगा अ अयान-ए-मुन्तजिर
इब्तदा-ए-मरासिम कभी तेरे दम पर भी रहे
यारब मिला दे ख़ाक मे या उम्र ऐसी दे मुझे
जो दिल से है मुझे चाहता उससे तो अपनापन रहे.....