Punjab News घटता समय, बढ़ती उम्र और उड़ती नींद

विधानसभा चुनावों में घटता समय और बढ़ती उम्र कई बुजुर्ग हो रहे कांग्रेसियों की नींद उड़ा रही है। तीन वर्ष तक अज्ञातवास में आराम करने के बाद अब कई बार विधायक एवं मंत्री रह चुके कांग्रेसियों को भी टिकट की चिंता सताने लगी है, जो एक्टिव पॉलीटिक्स से सदा के लिए विदा भी कर सकती है।

बुजुर्ग कांग्रेसियों के खौफ का कारण राहुल गांधी का 70 प्लस फामरूला और युवाओं को दिया जा रहा अधिमान ही बन रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान हुए टिकट आवंटन के दौरान भी पंजाब में एक दो सीटों को छोड़ कर अन्य स्थानों पर उम्रदराज उम्मीदवारों से परहेज ही किया गया। पंजाब की मौजूदा अकाली भाजपा सरकार का कार्यकाल फरवरी 2012 तक चलेगा और चुनाव उससे पहले भी हो सकते हैं।

पौने दो वर्ष से भी कम समय बाकी बचा है और अब खुद को ताकतवर बताने के लिए पिछले तीन वर्ष से चुप्पी साध कर बैठे उम्रदराज कांग्रेसी मीडिया को बयान देकर अपनी उपस्थिति का अहसास कराने लगे हैं। दूसरी तरफ युवाओं को मिल रहे अधिमान से उत्साहित युवा कांग्रेसी अब उन हलकों में खासा जोर मारते नजर आ रहे हैं, जहां पिछले कई दशकों से कांग्रेसी दिग्गज काबिज हैं। युवा कांग्रेसियों को डराने-मनाने की गणित भी फ्लॉप हुआ तो अब चिंता ने घेरा डालना शुरू कर दिया है।

विकट स्थिति यह है कि अगर इस बार टिकट नहीं मिलती है तो फिर एक्टिव पॉलीटिक्स से तो बाहर ही जाना पड़ेगा। युवाओं को टिकट मिली तो जलवा भी उन्हीं का होगा और जनता तो कुर्सी वाले के साथ ही चलेगी। अब वरिष्ठ कांग्रेसी अपनी बात हाईकमान तक पहुंचाने की कवायद में जुट गए हैं कि अगर बुजुर्गो को साइड लाइन किया गया तो पंजाब में नुकसान उठाना पड़ सकता है। टिकट का फैसला तो डेढ़ वर्ष बाद होगा, लेकिन डेढ़ वर्ष बाद की चिंता ने नींद अभी से उड़ा डाली है।
 
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