बजट प्रेशर: sms से चल रही है रेल मिनिस्ट्री

इसे बजट का प्रेशर कह लीजिए या फिर काम को लेकर संजीदगी, पर रेल भवन का माहौल इन दिनों कुछ
बदला-बदला सा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेल मंत्री ममता बनर्जी इन दिनों रेलवे प्रोजेक्ट्स से संबंधित अपडेट्स की मॉनिटरिंग एसएमएस के जरिये कर रही हैं। ऐसा चलन इससे पहले शायद ही रेल भवन में देखने को मिला हो।

एक सूत्र ने बताया - 'यदि कोई फाइल कहीं फंसी हुई है, तो हम संबंधित अधिकारी से एसएमएस के जरिये उसका स्टेटस चेक करते हैं और फाइल तेजी से मूव होती है।'

टीम रेल बजट का कहना है कि रेल मंत्री मंगलवार को उनकी घंटों बैठक लेंगी, जिसमें बजट को आखिरी रूप दिया जाएगा। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि ममता बुधवार की अल सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर रेल भवन से अपने आवास के लिए निकलेंगी और बुधवार को दिन के 11 बजे रेल बजट पेश करने संसद पहुंचेंगी।

रेल मंत्री की पूरी टीम इन दिनों बजट की तैयारी में जी-जान से जुटी है। ममता खुद को पक्षपाती भी नहीं दिखाना चाहतीं, शायद यही वजह है कि उन्होंने नई ट्रेनों और प्रोजेक्ट्स के लिए फंड अलोकेशन के मामले में राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से दिए गए प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है। सूत्र बता रहे हैं कि ममता यह नहीं चाहतीं कि उन पर पश्चिम बंगाल की मिनिस्टर होने का आरोप लगे।

रेल बजट में इस बार भी पैसेंजर्स किरायों में किसी तरह की बढ़ोतरी किए जाने के आसार नहीं हैं। हां, माल भाड़े को रेशनलाइज किजा जा सकता है, पर जरूरी कमोडिटीज के भाड़ों में किसी तरह की बढ़ोतरी से रेल मंत्री परहेज ही करेंगी। दरअसल, ममता के राज्य पश्चिम बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में लोकलुभावन राजनीति की ब्रैंड़ नेम ममता अपने वोट बैंक को हर कीमत पर बचाना चाहेंगी।

खबरें यह भी आ रही हैं कि ममता इस बार भी कुछ और नॉन-स्टॉप दूरंतो का ऐलान कर सकती हैं। पर गरीब रथ की संख्या बढ़ाए जाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं, क्योंकि गरीब रथ का क्रेडिट तो लालू प्रसाद के खाते में जा चुका है।
 
Top