और बात बिगड़ जाये तो क्या-क्या नहीं कहते.....

~¤Akash¤~

Prime VIP
मंजिल पे ना पहुंचे उसे रास्ता नहीं कहते
दो चार कदम चलने को चलना नहीं कहते

माना के दोस्त हम तो बुरों से भी बुरे हैं
कुछ लोग तो अच्छों को भी अच्छा नहीं कहते

एक हम हैं की गैरों को भी कह देते हैं अपना
एक तुम हो की अपनों को भी अपना नहीं कहते

कम हिम्मती खतरा है समुंदर के सफ़र मे
तूफान को हम दोस्तों खतरा नहीं कहते

बन जाये अगर बात तो सब कहते हैं क्या क्या
और बात बिगड़ जाये तो क्या-क्या नहीं कहते.....
 
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