Punjab News अपनों पर कार्रवाई क्यों नहीं

सरकार नसीहत देने में तो सदा आगे रहती है, लेकिन जब बात अपने विभागों पर कार्रवाई की आती है, तो वह चुप हो जाती है। पंजाब के कई सरकारी विभाग बिजली निगम के करोड़ों रुपए के डिफाल्टर हैं। वे करोड़ों रुपए के बकाये के देनदार हैं। गत वर्ष हाईकोर्ट के आदेश पर विभागों ने बिजली बिल अदा कर दिया था, लेकिन इस साल फिर वही हाल है।


विभागों की मुफ्तखोरी की आदत नहीं सुधरी। एक तरफ सरकार लोगों को बिजली चोरी नहीं करने और बिल समय पर अदा करने की नसीहत देती है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि सरकार अपने विभागों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती। इनका बिजली कनैक्शन क्यों नहीं काटा जाता? अगर यही बकाया आम जनता की तरफ होता तो सरकार कनैक्शन काटने में देर नहीं लगाती।


किन जिलों में कितना बिल है बकाया
अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन के 35 सरकारी सरकारी विभागों ने कुल 4 करोड़ 74 लाख रुपए बिजली बिल अदा करना है। ये बिल 1 अप्रैल, 2009 से 31 मार्च, 2010 तक का है। डिफाल्टर विभागों में नगर निगम वाटर वर्क्*स विभाग (गुरदासपुर, तरनतारन, सिटी सर्किल), गुरदासपुर निगम कमेटी वाटर वर्क्*स, इरीगेशन विभाग (गुरदासपुर, तरनतारन), पब्लिक हैल्थ विभाग, सरकारी अस्पताल, पंजाब पुलिस, स्थानीय निकाय विभाग व डिस्पैंसरी विभाग शामिल हैं।
 
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