~¤Akash¤~
Prime VIP
छायी फिर से बहार हो जैसे
हल्का हल्का खुमार हो जैसे
रात भर थे तुम ही ख्यालों मे
दिल को तुमसे ही प्यार हो जैसे
बात ऐसी वो कह गया सब से
बस मेरा ऐतबार हो जैसे
हर घडी पूछता है वो सबसे
रखता मेरा ख्याल हो जैसे
कितने खामोश है लब उसके
दिल मे कोई गुबार हो जैसे
जुस्तजू में तेरी रहा हर दिन
वो कोई ख़ाक सार हो जैसे
रहती है बस नमी सी आँखों मे
अब भी कोई इन्तजार हो जैसे
मर के भी नाम था तेरा लब पे
जाँ ये तुझ पे निसार हो जैसे...
हल्का हल्का खुमार हो जैसे
रात भर थे तुम ही ख्यालों मे
दिल को तुमसे ही प्यार हो जैसे
बात ऐसी वो कह गया सब से
बस मेरा ऐतबार हो जैसे
हर घडी पूछता है वो सबसे
रखता मेरा ख्याल हो जैसे
कितने खामोश है लब उसके
दिल मे कोई गुबार हो जैसे
जुस्तजू में तेरी रहा हर दिन
वो कोई ख़ाक सार हो जैसे
रहती है बस नमी सी आँखों मे
अब भी कोई इन्तजार हो जैसे
मर के भी नाम था तेरा लब पे
जाँ ये तुझ पे निसार हो जैसे...