कैसे कोरे खाली नुक्कड़

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
कैसे कोरे खाली नुक्कड़
यह विदेश है
चाय की
दूकान नहीं है
सिगरेट बीड़ी पान नहीं है
पैदल चलने वालों का भी
कोई नाम निशान
नहीं है
ना ही भीड़
नहीं आवाज़ें
सन्नाटा बिखरा भदेस है
यह विदेश है
सुख दुख हैं
वातानुकूलित
विलासिता से व्याकुल हर चित्त
आचारों में निरा दुराग्रह
कोई न अपना
नेह सशंकित
खुली हवा है
ढेर दवा है
संतुष्टि का नहीं लेश है
यह विदेश है
 
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