कितनी बार

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
कितनी बार

ये समझौतों के पुल टूटे
राजन,कितनी बार
आसमान के तारे टूटे
राजन, कितनी बार?

लोग यहाँ बस दरी उठाते
दरी बिछाते हैं
और भीड में खडे प्रजाजन
हाथ हिलाते हैं
गिरते पडते छाले फूटे
राजन, कितनी बार?

गीधों की बैठकें यहाँ
पीपल पर होती हैं
बया कोकिला गौरैया
सब मिलकर रोती हैं
देवी और देवता रूठे
राजन,कितनी बार?

बिजली की नंगे तारों पर
कौए झूल गये
चौराहे तक आकर कुत्ते
राहें भूल गये
अश्वमेध के घोडे छूटे
राजन कितनी बार?
 
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