Old Lyrics Waseem Barelvi Ghazal – Apne Chehre Se Jo Jo Zahir Hai Chhupayen Kaise

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आयें कैसे

घर सजाने का तसव्वुर तो बहुत बाद का है
पहले ये तय हो की इस घर को बचाएं कैसे

क़हक़हा आँख का बर्ताव बदल देता है
हंसने वाले तुझे आंसू नज़र आयें कैसे

कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा
एक कतरे को समंदर नज़र आयें कैसे
 
Top