तू लफ़्ज़ों की तरह मुझसे किताबों में मिला कर...

तू लफ़्ज़ों की तरह मुझसे किताबों में मिला कर,
लोगों का तुझे डर हैं तो ख़्वाबों में मिला कर ..

फूल का खुशबू से तअल्लुक़ हैं ज़रूरी,
तू मेहक बन कर मुझसे गुलाबों में मिला कर ..

जिसे छू कर मैं मेहसूस कर सकूँ,
तू मस्ती की तरहा मुझसे शराबों में मिला कर ..

मैं भी इन्सान हूँ हैं डर मुझको भी बेहकने का,
इस वास्ते तू मुझसे हिजाबों में मिला कर ..​
 

#Jatt On Hunt

47
Staff member
Re: तू लफ़्ज़ों की तरह मुझसे किताबों में मिला कर

:wah :wah
 
Top