ये बचपन के संस्कार ही है कि घर में हवन होते समय घर के लड़के मन्त्र भले ना बोल पाये .... ~ ~ ~ ~ पर स्वाहा इतनी जोर से बोलते है कि सारी पापी आत्माएं आवाज सुनकर ही मर जाती है