Lyrics सागर से गहरा है - Sagar Se Gehra Hai (Alka Yagnik, S.P.Balasubrahmanyam, Majhdhaar)

सागर से गहरा है प्यार हमारा
हम मर जायेंगे, जी नहीं पायेंगे
साथ कभी छूटा जो तुम्हारा
सागर से गहरा है प्यार...

सीने में दिल, दिल में धड़कन
धड़कन में तू है समाया
कितने दिनों तड़पी हूँ मैं
तब जा के तुझको है पाया
मेरे दिल पे मेरे यार
अब है तेरा इख़्तियार
सागर से गहरा है प्यार...

ऐ मेरे दोस्त किस्मत मेरी
देखो है क्या रंग लायी
अपने मिलन की रुत हसीं
बरसों के है बाद आयी
दूरियों को अब मिटा
आ गले से लग जा
सागर से गहरा है प्यार...

शाम-ओ-सहर मेरी नज़र
करती है दीदार तेरा
तेरे बिना क्या ज़िन्दगी
तू ही है संसार मेरा
अब ना चाहत होगी कम
मैंने ली है ये कसम
सागर से गहरा है प्यार.
 
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