कोई हादसों से डरता है , मै उसकी बस्ती में रहता हूँ , छेड़ो ना मेरे गुनाहों को , मै उसकी मस्ती में रहता हूँ , कौन है बद्दुआ का मसीहा, मै उसकी हस्ती में रहता हूँ ,