खुदा मेरी ज़मीन को नहला देना, अब के बरस कोई बहाना ना देना, कई जवाब बरस जायेंगे बूंदों में, मेरी कुर्बत को नया सवाल ना देना लहलहा जाये खुशिया दाना बनकर, मेरी मेहनत को ठुकरा ना देना,