मैं पैरहन था शिकस्ता तो क्यों सिया था मुझे....

~¤Akash¤~

Prime VIP
वो इत्तेफ़ाक़ से रस्ते में मिल गया था मुझे
मैं देखता था उसे और वो देखता था मुझे


तलाश कर न सका फिर मुझे वहाँ जाकर
ग़लत समझ के जहाँ उसने खो दिया था मुझे


बिखर चुका था अगर मैं तो क्यों समेटा था
मैं पैरहन था शिकस्ता तो क्यों सिया था मुझे.................
 

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
Re: मैं पैरहन था शिकस्ता तो क्यों सिया था मुझे

:wah Bahut badhiya :wah
 
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