हम इतने भी नहीं बदले के भूल जाएँ अपनों को जब कोई मुन्तज़िर ही नहीं तो राब्ता अच्छा नहीं लगता
dilbardeewana VIP May 29, 2015 #1 हम इतने भी नहीं बदले के भूल जाएँ अपनों को जब कोई मुन्तज़िर ही नहीं तो राब्ता अच्छा नहीं लगता