काँटों से दामन उलझाना मेरी आदत है
दिल मे पराया दर्द बसाना मेरी आदत है
मेरा गला गर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम
हर क़ातिल को गले लगाना मेरी आदत है
जिन को दुनिया ने ठुकराया जिन से हैं सब दूर
ऐसे लोगों को अपनाना मेरी आदत है
सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुपचाप मगर
अपने दिल की करते जाना मेरी आदत है
-पयाम सईदी
दिल मे पराया दर्द बसाना मेरी आदत है
मेरा गला गर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम
हर क़ातिल को गले लगाना मेरी आदत है
जिन को दुनिया ने ठुकराया जिन से हैं सब दूर
ऐसे लोगों को अपनाना मेरी आदत है
सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुपचाप मगर
अपने दिल की करते जाना मेरी आदत है
-पयाम सईदी