ज़िंदगी

जिंदगी क्या है,बस एक कश धुआँ है,
ज़िंदगी क्या है बस पानी का बुलबुला है,
ज़िंदगी क्या है बस एक रेत का गिरां है,
ज़िंदगी क्या है बस एक बादल की घटा है,
ज़िंदगी क्या है बस एक हसीन सपना है,
ज़िंदगी क्या है बस धुंदला-सा एक निशा है,
ज़िंदगी क्या है बस वक्त का कारवां है।

Writer Sarbjit Kaur TooR
 
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