दिल में बसी हुई इबादतों को किसी ने ना सुना ,

~¤Akash¤~

Prime VIP
मिले बहुत अल्फाजो को सुनने वाले,,
मेरी ख़ामोशी को किसी ने ना सुना,

जिस्मफरोश सी लगती है दुनिया ये,
मेरी धडकते दिल को किसी ने ना सुना ,

हर ज़सबातो का बोलना ज़रूरी क्यों है
मेरी गूंगी हसरतो को किसी ने ना सुना ,

देख कर लौट जाते है हरा भरा आँगन मेरा,,
मेरे घर की बंज़र बरकतों को किसी ना सुना ,

खुदा भी गिनने लगा है लगता सारी "पहर"
दिल में बसी हुई इबादतों को किसी ने ना सुना ,
 
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