चिन्ता मत करना

@n@@m

unknown but known to all
पापा तुम लड़ना सीमा पर,बाकी चिन्ता मत करना...
देश बड़ा है जान है छोटी,जाँ की चिन्ता मत करना...
...नजरें तुम सीमा पर रखना,दुश्मन छिपा शिखर परहै...
तुम विचलित बिलकुल मत होना,देश तुम्हीं पर निर्भर
है...
मम्मी कहतीं- लिख पापा को,माँ की चिन्ता मत करना...
चाचा की आयी थी चिट्ठी,चाची पहुँच गयीं झाँसी...घर में दीदी,
माँ दादी है,
दादा जी को है खाँसी...दादा कहते-लिख पापा को,
‘बाप’ की चिन्ता मत करना...अबकी बारिश को छत पर का,
पानी टपका 'चूल्हे’ में...सीढ़ी से दादी फिसली थीं,चोट लगी है
कूल्हे में...
दादी कहतीं-लिख पापा को,‘माँ’ की चिन्ता मत
करना...करनी है दीदी की शादी,
दादा रिश्ता खोज रहे...अबकी जाड़े में रौनक हो,हम सब
ऐसा सोच रहे...
दीदी कहतीं-लिख पापा को,‘बहन’ की चिन्ता मत करना...घर
को जब आओगे पापा,मुझको, हाथ
घड़ी लाना...दादी का चश्मा ला देना,दादा हाथ छड़ी लाना...
मैं लिखती हूँ तुमको पापा,‘यहाँ’ की चिन्ता मत करना।

writer:-unknown
 
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