आईबीपीएस रुलाता है

Arun Bhardwaj

-->> Rule-Breaker <<--
एक आईबीपीएस एस्पिरेंट
भले हो लाख ब्रिलिएंट
पर समय कुछ ऐसा आता है
जब सेलेक्शन से पहले अक्सर आईबीपीएस रुलाता है
वो इस दर्द को चुपचाप सबसे छुपाता है
जिससे भी मिलता है, बस मुस्कुराता है
जो भी मिलता है, बस पूछता है क्या हुआ
कैसे बताये सबको की फिर कुछ नही हुआ
आखिर लोग भी उसकी पुरानी रामकथा से बोर हो चुके है
हमेशा 1-2 नम्बर से उसके पिछड़ने के शोर हो चुके है
लोगों को लगता है की जरूर इसकी नियत में बेईमानी है
तभी तो उन 2 नम्बरों ने हमेशा इसे धोखा देने की ठानी है
होने लगते फिर उसकी नाकामियों के चर्चे सरेआम है
कल का उगता सूरज, आज गली-गली बदनाम है
इन सबके बीच वो दर्द समेटे चुपचाप पढ़ता जाता है
वक़्त का क्या है,वो भी देखते ही देखते बदल जाता है
एक बार फिर वो पिछली प्रक्रिया से गुजर जाता है
 
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