इंजेक्शन नहीं, सूंघने वाला इंसुलिन तैयार

डायबीटीज़ के रोगियों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें अब इंसुलिन की सूई नहीं लेनी पडे़गी। एक ऐसी दवा तैयार की गयी है जिसके केवल सू
ंघने से ही बात बन जाएगी।

अफ्रेज्जा नामक इस दवा को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खून में शुगर का स्तर सामान्य के करीब रखता है और इसमें मौजूदा इंजेक्शन की तुलना में निम्न शुगर स्तर होने का जोखिम भी काफी कम है। इस नई दवा को अभी अमेरिकी खाद्य एवं मादक पदार्थ विभाग (एफडीए) से अनुमति का इंतजार है।

मैनकाइंड कॉरपोरेशन कंपनी में इस दवा को बनाने वाली टीम के प्रमुख आंड्रिया लियोन बे ने कहा- यह दवा सूखे पाउडर के रूप में है और उसे सूंघा जाता है। दवा के कण फेफडे़ से होते हुए खून में पहुंच जाते हैं और तुरंत अपना असर दिखाने लगते हैं। दवा लेने के 12-15 मिनट में ही उसका असर दिखने लगता है। लियोन बे का कहना है कि यह दवा इंजेक्शन की तुलना में काफी पहले ही अपना असर दिखाती है।

हालांकि 2006 में सूघने वाली दवा तैयार हुई थी। लेकिन अक्टूबर 2007 में दवा निर्माता कंपनी फाइज़र ने उसे कुछ चिंताओं को लेकर बाजार से हटा लिया। एक स्टडी में यह बात सामने आयी थी कि एक्यूबेरा से फेफड़े के काम करने की गति घट जाती है और दूसरी एवं अधिक चिंताजनक बात यह थी कि इससे फेफड़े का कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।

लियोन-बे कहती हैं- अफ्रेज्जा पर कैंसर संबंधी अध्ययन किया गया है। चूहे को मानव की तुलना में ज्यादा अफ्रेज्जा सुंघाया गया और शोधकर्ताओं को उसके फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ने का कोई जोखिम नजर नहीं आया। दरअसल पिछली दवा पर कैंसर संबंधी अध्ययन किए ही नहीं गए थे। विशेषज्ञों ने इस नई दवा का स्वागत तो जरूर किया है लेकिन थोड़ा सावधान भी किया है। जूवेनाइल डायबीटीज़ रिसर्च फाउंडेशन के इंसुलिन विभाग के डायरेक्टर संजय दत्त कहते हैं कि नई दवा का केवल 6 महीने के लिए टेस्ट किया गया है अभी लंबी अवधि के लिए इसका असर जानना बाकी है।
 
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