*राष्ट्रपति कोई भी बने, हमें कोई फायदा या नुकसान नहीं*
मुझे मशहूर कवि *सुरेंद्र शर्मा* की चंद पंक्तियाँ याद आ रही हैं -
'राजा राम हो या रावण,
जनता तो बेचारी सीता है।
रावण होंगे तो हर ली जायेगी,
राम होंगे तो त्याग दी जायेगी।'
'राजा कौरव हों या पाँडव,
जनता तो बेचारी द्रौपदी है,
कौरव होंगे तो वस्त्र हर लिए जाएंगे,
पाँडव होंगे तो जुए में हार दी जायेगी।'
मुझे मशहूर कवि *सुरेंद्र शर्मा* की चंद पंक्तियाँ याद आ रही हैं -
'राजा राम हो या रावण,
जनता तो बेचारी सीता है।
रावण होंगे तो हर ली जायेगी,
राम होंगे तो त्याग दी जायेगी।'
'राजा कौरव हों या पाँडव,
जनता तो बेचारी द्रौपदी है,
कौरव होंगे तो वस्त्र हर लिए जाएंगे,
पाँडव होंगे तो जुए में हार दी जायेगी।'