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ये साधु जमीन पर लेट अपने ऊपर उगा लेते हैं जौ, 9 दिन तक हिलते भी नहीं
योगी बालक नाथ नाथ सम्प्रदाय के साधु रोहतक के अस्थल बोहर में बाबा मस्तनाथ मठ से ताल्लुक रखते हैं।
फतेहाबाद के टोहाना में नंदीशाला में नवरात्र व्रत के दौरान जमीन पर लेटे योगी बालक नाथ।
टोहाना (फतेहाबाद, हरियाणा)। यहां एक साधु ने नवरात्र पर्व पर अपने पूरे शरीर पर ज्वारे उगवाए हैं। 9 दिन पहले शरीर पर उगवाए गए ज्वारे अब बड़े हो गए हैं। इस दौरान ये दृश्य देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। योगी बालक नाथ नाथ सम्प्रदाय के साधु रोहतक के अस्थल बोहर में बाबा मस्तनाथ मठ से ताल्लुक रखते हैं। नवरात्र से चार दिन पहले उनके गुरु महंत चांदनाथ योगी का निधन हुआ है। 6 साल से रखते आ रहे अनोखे नवरात्र व्रत...
- पिछले 6 साल से योगी बालक नाथ जमीन पर लेटकर अपने ऊपर जौ उगाने की क्रिया के साथ नवरात्र व्रत रखते आ रहे हैं। हर साल वह किसी नई जगह व्रत पूरा करते हैं और इस बार उनका संकल्प फतेहाबाद जिले के टोहाना में शिव नन्दीशाला में संपन्न हुआ।
- इस बारे में शिव नन्दीशाला के मैनेजर धर्मपाल सैनी बताते हैं कि योगी बालक नाथ ने उनके पास आकर यहां पर माता के नवरात्रों में तपस्या करने की इच्छा जताई। अब शुक्रवार को नौवीं के दिन उन्होंने अपनी तपस्या का समापन किया है।
15 दिन पहले त्याग देते हैं अन्न-जल
- योगी बालक नाथ ने बताया कि वह पिछले 6 साल से ऐसा करते आ रहे हैं और हर साल नई जगह पर रहकर अपने अंदाज में नवरात्र व्रत रखते हैं। 12 नवरात्र तपस्या का संकल्प पूरा कर चुके योगी बालक नाथ ने यह भी बताया कि इसके लिए वह 15 दिन पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अन्न-जल छोड़ देते हैं, ताकि व्रत के दौरान मल-मूत्र बाधक न बनें। जब कण्ठ सूखता है तो ऊपर से कुछ पानी लगा लेते हैं।
12 की उम्र में ली थी नाथ सम्प्रदाय की दीक्षा
- योगी बालक नाथ जी का जन्म गांव कोहराणा, बहरोड़ जिला अलवर में 1986 में हुआ। सिफ 12 साल की उम्र में इनके पारिवारिक सदस्य बाबा मस्तनाथ की मन्नत स्वरूप इन्हें नाथ संप्रदाय में दीक्षित करने के लिए समर्पित कर गए थे।
- इसके बाद से महंत चांदनाथ शिष्य रूप में सेवारत रहे। 15 साल तक डेरा हनुमानगढ़ में कोठारी के कार्यभार को संभाला। ये वही डेरा है और पदभार है, जहां गुरु चांदनाथ भी महंत बनने से पूर्व शिष्य स्वरूप अपने गुरु श्रद्धेय श्रेयोनाथ के आदेशानुसार कार्यरत थे।
- बाबा बालकनाथ ने अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ स्कूल में ही शिक्षा ग्रहण की और नौवीं तक शिक्षा लेने के बाद भक्ति में लीन हो गए।
1 साल पहले बन गए थे उत्तराधिकारी
- अलवर के सांसद एवं रोहतक अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के गद्दीनशीन महंत चांद नाथ योगी बीमार रहने लग गए तो उन्होंने जुलाई 2016 में योगी बालक नाथ को अपने उत्तराधिकारी के रूप में घोषित कर दिया था।
- इस दौरान जहां यूपी के सीएम (तत्कालीन गोरखपुर सांसद) योगी आदित्यनाथ, योगगुरु बाबा रामदेव समेत कई बड़ी हस्तियों ने बालक नाथ को आशीर्वाद दिया था, वहीं अब गुरु के निधन के बाद जब इन्हीं गद्दी पर बिठाया गया तो भी रामदेव, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर समेत कई राजनैतिक व धार्मिक हस्तियां समारोह में शामिल हुई।
योगी बालक नाथ नाथ सम्प्रदाय के साधु रोहतक के अस्थल बोहर में बाबा मस्तनाथ मठ से ताल्लुक रखते हैं।
फतेहाबाद के टोहाना में नंदीशाला में नवरात्र व्रत के दौरान जमीन पर लेटे योगी बालक नाथ।
टोहाना (फतेहाबाद, हरियाणा)। यहां एक साधु ने नवरात्र पर्व पर अपने पूरे शरीर पर ज्वारे उगवाए हैं। 9 दिन पहले शरीर पर उगवाए गए ज्वारे अब बड़े हो गए हैं। इस दौरान ये दृश्य देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। योगी बालक नाथ नाथ सम्प्रदाय के साधु रोहतक के अस्थल बोहर में बाबा मस्तनाथ मठ से ताल्लुक रखते हैं। नवरात्र से चार दिन पहले उनके गुरु महंत चांदनाथ योगी का निधन हुआ है। 6 साल से रखते आ रहे अनोखे नवरात्र व्रत...
- पिछले 6 साल से योगी बालक नाथ जमीन पर लेटकर अपने ऊपर जौ उगाने की क्रिया के साथ नवरात्र व्रत रखते आ रहे हैं। हर साल वह किसी नई जगह व्रत पूरा करते हैं और इस बार उनका संकल्प फतेहाबाद जिले के टोहाना में शिव नन्दीशाला में संपन्न हुआ।
- इस बारे में शिव नन्दीशाला के मैनेजर धर्मपाल सैनी बताते हैं कि योगी बालक नाथ ने उनके पास आकर यहां पर माता के नवरात्रों में तपस्या करने की इच्छा जताई। अब शुक्रवार को नौवीं के दिन उन्होंने अपनी तपस्या का समापन किया है।
15 दिन पहले त्याग देते हैं अन्न-जल
- योगी बालक नाथ ने बताया कि वह पिछले 6 साल से ऐसा करते आ रहे हैं और हर साल नई जगह पर रहकर अपने अंदाज में नवरात्र व्रत रखते हैं। 12 नवरात्र तपस्या का संकल्प पूरा कर चुके योगी बालक नाथ ने यह भी बताया कि इसके लिए वह 15 दिन पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अन्न-जल छोड़ देते हैं, ताकि व्रत के दौरान मल-मूत्र बाधक न बनें। जब कण्ठ सूखता है तो ऊपर से कुछ पानी लगा लेते हैं।
12 की उम्र में ली थी नाथ सम्प्रदाय की दीक्षा
- योगी बालक नाथ जी का जन्म गांव कोहराणा, बहरोड़ जिला अलवर में 1986 में हुआ। सिफ 12 साल की उम्र में इनके पारिवारिक सदस्य बाबा मस्तनाथ की मन्नत स्वरूप इन्हें नाथ संप्रदाय में दीक्षित करने के लिए समर्पित कर गए थे।
- इसके बाद से महंत चांदनाथ शिष्य रूप में सेवारत रहे। 15 साल तक डेरा हनुमानगढ़ में कोठारी के कार्यभार को संभाला। ये वही डेरा है और पदभार है, जहां गुरु चांदनाथ भी महंत बनने से पूर्व शिष्य स्वरूप अपने गुरु श्रद्धेय श्रेयोनाथ के आदेशानुसार कार्यरत थे।
- बाबा बालकनाथ ने अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ स्कूल में ही शिक्षा ग्रहण की और नौवीं तक शिक्षा लेने के बाद भक्ति में लीन हो गए।
1 साल पहले बन गए थे उत्तराधिकारी
- अलवर के सांसद एवं रोहतक अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के गद्दीनशीन महंत चांद नाथ योगी बीमार रहने लग गए तो उन्होंने जुलाई 2016 में योगी बालक नाथ को अपने उत्तराधिकारी के रूप में घोषित कर दिया था।
- इस दौरान जहां यूपी के सीएम (तत्कालीन गोरखपुर सांसद) योगी आदित्यनाथ, योगगुरु बाबा रामदेव समेत कई बड़ी हस्तियों ने बालक नाथ को आशीर्वाद दिया था, वहीं अब गुरु के निधन के बाद जब इन्हीं गद्दी पर बिठाया गया तो भी रामदेव, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर समेत कई राजनैतिक व धार्मिक हस्तियां समारोह में शामिल हुई।