बुलंदी का नशा सिमटो का दामन छोर देती है हवा उड़ते हुए पंछी के बाजू तोड़ देती है, सियाशी भेडियों थोड़ी बहुत गैरत ज़रूरी है तवायफ तक किसी मौके पे घुंघरू तोड़ देती है