तीरगी में हिलाल

Saini Sa'aB

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तीरगी में हिलाल

तीरगी में हिलाल पैदा कर
और उसमें ग़जाल पैदा कर

सारी दुनिया ही सर झुकायेगी
ख़ुद में कोई कमाल पैदा कर

चाहने मैं लगा तुझे या रब
फिर से हिज़्रो-विसाल पैदा कर

भूल जाऊँ तुझे हमेशा को
कोई ख़ुद-सी मिसाल पैदा कर

वक्त ये लौट कर न आयेगा
तू नये माहो-साल पैदा कर

सर झुके ग़ैर की न महफि़ल में
ऐसा हुस्नो-जमाल पैदा कर

 
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