~¤Akash¤~
Prime VIP
जलता रहा ये जान गंवाने के नाम से
बुझ जाता है ये जान बचाने के नाम से
पाबंदियों के नाम से है और बहकता
डरने लगा हूँ अब तो दिले बे लगाम से
क्या करू सीने से निकल पड़ता है सुनकर
इसे दिल को महोब्बत है बहुत तेरे नाम से
मुझसे भी रोज ही ये कहता है तनजन
रहते हो मियां आज कल क्यूँ परेशान से.
बुझ जाता है ये जान बचाने के नाम से
पाबंदियों के नाम से है और बहकता
डरने लगा हूँ अब तो दिले बे लगाम से
क्या करू सीने से निकल पड़ता है सुनकर
इसे दिल को महोब्बत है बहुत तेरे नाम से
मुझसे भी रोज ही ये कहता है तनजन
रहते हो मियां आज कल क्यूँ परेशान से.