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'डबल
इनकम नो किड्स' की श्रेणी में आने वाले महानगरों के कामकाजी दंपति अब
ज्यादा उम्र में बच्चों को जन्म देने का विकल्प चुन रहे हैं।
'डबल इनकम नो किड्स' यानी 'डिंक' बने रहने के पीछे सबसे बड़ा कारण करियर
विकसित करना है। इसके अलावा एक तरह का रुझान, आर्थिक स्वतंत्रता और
व्यक्तिगत आजादी भी परिवार बढ़ाने में देरी होने का एक कारण है।
'इंडियन इंस्टीट्यूट आफ काउंसलिंग' के अध्यक्ष डॉ. वसंत आर पत्री ने बताया
कि शुरुआत में ये दंपति बच्चों के महत्व को नहीं पहचानते, लेकिन जैसे-जैसे
समय गुजरता जाता है, उनमें अकेलेपन की भावना बढ़ती जाती है। इस तन्हाई को
दूर करने के लिए फिर वे बच्चे को जन्म देने का फैसला करते हैं।
शहर के अपोलो अस्पताल स्थित भू्रण चिकित्सा विभाग की प्रमुख डॉ. अनिता कौल
ने बताया कि मैं हर दिन जिन अभिभावकों का परीक्षण करती हूं, उनमें करीब 50
फीसदी 35 वर्ष से अधिक की उम्र के होते हैं। कभी-कभी 40 वर्ष की होने जा
रही महिलाएं भी पहले बच्चे को जन्म देने वाली होती हैं।
डॉ. अनिता के मुताबिक, ऐसी लगभग सभी महिलाएं कामकाजी होती हैं। ऐसे अधिकतर
दंपति शुरुआत में बच्चे को जन्म नहीं देने की योजना बनाते हैं, लेकिन जब
वे अपने संबंधित पेशे में सफलता पा लेते हैं तो फिर वे परिवार बढ़ाने का
फैसला करते हैं।
इनकम नो किड्स' की श्रेणी में आने वाले महानगरों के कामकाजी दंपति अब
ज्यादा उम्र में बच्चों को जन्म देने का विकल्प चुन रहे हैं।
'डबल इनकम नो किड्स' यानी 'डिंक' बने रहने के पीछे सबसे बड़ा कारण करियर
विकसित करना है। इसके अलावा एक तरह का रुझान, आर्थिक स्वतंत्रता और
व्यक्तिगत आजादी भी परिवार बढ़ाने में देरी होने का एक कारण है।
'इंडियन इंस्टीट्यूट आफ काउंसलिंग' के अध्यक्ष डॉ. वसंत आर पत्री ने बताया
कि शुरुआत में ये दंपति बच्चों के महत्व को नहीं पहचानते, लेकिन जैसे-जैसे
समय गुजरता जाता है, उनमें अकेलेपन की भावना बढ़ती जाती है। इस तन्हाई को
दूर करने के लिए फिर वे बच्चे को जन्म देने का फैसला करते हैं।
शहर के अपोलो अस्पताल स्थित भू्रण चिकित्सा विभाग की प्रमुख डॉ. अनिता कौल
ने बताया कि मैं हर दिन जिन अभिभावकों का परीक्षण करती हूं, उनमें करीब 50
फीसदी 35 वर्ष से अधिक की उम्र के होते हैं। कभी-कभी 40 वर्ष की होने जा
रही महिलाएं भी पहले बच्चे को जन्म देने वाली होती हैं।
डॉ. अनिता के मुताबिक, ऐसी लगभग सभी महिलाएं कामकाजी होती हैं। ऐसे अधिकतर
दंपति शुरुआत में बच्चे को जन्म नहीं देने की योजना बनाते हैं, लेकिन जब
वे अपने संबंधित पेशे में सफलता पा लेते हैं तो फिर वे परिवार बढ़ाने का
फैसला करते हैं।