ए सुबह तू जा फ़लक से
लौट जा ज़रा
रात थम के कर रही है
हमसे मशवरा
ए सुबह तू जा फ़लक से
लौट जा ज़रा
रात थम के कर रही है
हमसे मशवरा
बादलों से केहडो जेया के
मैं फ़ना हुआ
बिन बताए, बिन रिझाए
बस तेरा हुआ..
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा
ए शिक़ायत अब ज़रूरत ना रही तेरी
ए नसीहत फिर मिलेंगे, है दुआ मेरी
अब फ़साना, अब ठिकाना, तू मेरा हुआ
ज़िंदगी का हर बहाना, तू मेरा हुआ
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा
लौट जा ज़रा
रात थम के कर रही है
हमसे मशवरा
ए सुबह तू जा फ़लक से
लौट जा ज़रा
रात थम के कर रही है
हमसे मशवरा
बादलों से केहडो जेया के
मैं फ़ना हुआ
बिन बताए, बिन रिझाए
बस तेरा हुआ..
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा
ए शिक़ायत अब ज़रूरत ना रही तेरी
ए नसीहत फिर मिलेंगे, है दुआ मेरी
अब फ़साना, अब ठिकाना, तू मेरा हुआ
ज़िंदगी का हर बहाना, तू मेरा हुआ
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा
महफूज़ है मेरी बाहों में
अब से तू सदा
मैं चल पड़ूँ तेरी राहों में
अब से यूँ सदा