~¤Akash¤~
Prime VIP
खुदाया कुछ ऐसा हुनर आज दे दे
ग़ज़ल में मुझे वो असर आज दे दे
गुजरती हो सबके दिलो से जो होकर
वही तू मुझे रह गुजर आज दे दे
मंदिर ओ मस्जिद में ही खो ना जाऊं
तू रहता हो जिसमे वो घर आज दे दे
कटता हो चाहे अनाओं पे हर दिन
मगर ना झुके जो वो सर आज दे दे
खुलता हो जो बस मेरी आहटो पर
किसी घर में तो कोई दर आज दे दे.....
ग़ज़ल में मुझे वो असर आज दे दे
गुजरती हो सबके दिलो से जो होकर
वही तू मुझे रह गुजर आज दे दे
मंदिर ओ मस्जिद में ही खो ना जाऊं
तू रहता हो जिसमे वो घर आज दे दे
कटता हो चाहे अनाओं पे हर दिन
मगर ना झुके जो वो सर आज दे दे
खुलता हो जो बस मेरी आहटो पर
किसी घर में तो कोई दर आज दे दे.....