JobanJit Singh Dhillon
Elite
कब तक छुपाओगे चेहरे को
ढक कर यूँ नकाब से
यूँ तो है खुशबू हर फूल में
वो बात कहाँ जो गुलाब में
माना के हो बहुत ही हसीन
नहीं कम किसी आफताब से
यकीन करो ना लगेगी नज़र मेरी
देखूंगा तुम्हे इस हिसाब से
कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )
ढक कर यूँ नकाब से
यूँ तो है खुशबू हर फूल में
वो बात कहाँ जो गुलाब में
माना के हो बहुत ही हसीन
नहीं कम किसी आफताब से
यकीन करो ना लगेगी नज़र मेरी
देखूंगा तुम्हे इस हिसाब से
कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )