Palang Tod
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ऑस्ट्रेलिया में एशियाई मूल के लोगों पर हमले का एक ताजा मामला सामने आया है। शराब के नशे में धुत हमलावरों ने श्रीलंकाई मूल के एक
नागरिक और उनकी भारतीय पत्नी को अपना निशाना बनाते हुए उन पर नस्लवादी टिप्पणियां कीं।
'हेराल्ड सन' की रिपोर्ट के अनुसार नशे में धुत लगभग 25 लोगों ने 60 साल के रंजीत सहसरानमन और उनकी भारतीय मूल की पत्नी अगल्या पर उनके कारामास डाउन स्थित घर पर रविवार की सुबह हमला किया। सहसरानमन ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने पुलिस के आने तक हमलावरों के साथ संघर्ष किया और उन्हें तितर-बितर कर दिया।
पिछले 19 साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे सहसरानमन ने बताया कि समूह के लोगों ने उन पर हमला किया और नस्लवादी गालियां दीं। हमला करने वालों में अधिकतर सदस्य गोरे थे, जो उनके घर के पीछे की बाड़ को तोड़ कर उनके घर में घुसे। उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें एक डंडे से हमलावरों पर वार करने पर मजबूर होना पड़ा।
रोचक बात यह है कि इस बार पुलिस एक घायल हमलावर को उसके घर छोड़ कर आई, जिसे कथित तौर पर सहसरानमन ने घायल किया था। सहसरानमन ने कहा कि हमलावर मुझे मुक्के मार रहे थे। वे नाम ले रहे थे और मुझे कह रहे थे कि यह देश छोड़कर चले जाओ।
हमले का यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब विदेश मंत्री स्टीफन स्मिथ भारत में हैं और भारतीयों पर हमले और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान सुरक्षा के मुद्दे पर अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं। दूसरी ओर, सहसरानमन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर बहुत धीमी कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि मैंने बताया कि मेरी पत्नी खतरे में है, लेकिन वे मुझ से मूर्खता भरे प्रश्न पूछते रहे। अंत में मैंने उन्हें कहा कि हम मर रहे हैं, मैं क्या करता? अगर पुलिस मुझे कहती कि वह कुछ नहीं कर सकती, तो मुझे अपने आप अपनी रक्षा करनी थी।
सहसरानमन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका बयान दर्ज नहीं किया और कई युवाओं को पकड़ने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेरे लेटर बॉक्स में एक चिट्ठी छोड़ दी, जिसमें मुझे अपराध रोकने वालों से संपर्क करने को कहा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की एक प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस ने एक हमलावर को घर छोड़ा था, लेकिन प्रवक्ता क्रीना ओग्रेडी ने पुलिस के धीमी प्रतिक्रिया देने से इंकार किया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा का फोन आने के 15 मिनट के अंदर पुलिस की दो यूनिट घटनास्थल पर पहुंच गई।
नागरिक और उनकी भारतीय पत्नी को अपना निशाना बनाते हुए उन पर नस्लवादी टिप्पणियां कीं।
'हेराल्ड सन' की रिपोर्ट के अनुसार नशे में धुत लगभग 25 लोगों ने 60 साल के रंजीत सहसरानमन और उनकी भारतीय मूल की पत्नी अगल्या पर उनके कारामास डाउन स्थित घर पर रविवार की सुबह हमला किया। सहसरानमन ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने पुलिस के आने तक हमलावरों के साथ संघर्ष किया और उन्हें तितर-बितर कर दिया।
पिछले 19 साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे सहसरानमन ने बताया कि समूह के लोगों ने उन पर हमला किया और नस्लवादी गालियां दीं। हमला करने वालों में अधिकतर सदस्य गोरे थे, जो उनके घर के पीछे की बाड़ को तोड़ कर उनके घर में घुसे। उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें एक डंडे से हमलावरों पर वार करने पर मजबूर होना पड़ा।
रोचक बात यह है कि इस बार पुलिस एक घायल हमलावर को उसके घर छोड़ कर आई, जिसे कथित तौर पर सहसरानमन ने घायल किया था। सहसरानमन ने कहा कि हमलावर मुझे मुक्के मार रहे थे। वे नाम ले रहे थे और मुझे कह रहे थे कि यह देश छोड़कर चले जाओ।
हमले का यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब विदेश मंत्री स्टीफन स्मिथ भारत में हैं और भारतीयों पर हमले और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान सुरक्षा के मुद्दे पर अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं। दूसरी ओर, सहसरानमन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर बहुत धीमी कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि मैंने बताया कि मेरी पत्नी खतरे में है, लेकिन वे मुझ से मूर्खता भरे प्रश्न पूछते रहे। अंत में मैंने उन्हें कहा कि हम मर रहे हैं, मैं क्या करता? अगर पुलिस मुझे कहती कि वह कुछ नहीं कर सकती, तो मुझे अपने आप अपनी रक्षा करनी थी।
सहसरानमन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका बयान दर्ज नहीं किया और कई युवाओं को पकड़ने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेरे लेटर बॉक्स में एक चिट्ठी छोड़ दी, जिसमें मुझे अपराध रोकने वालों से संपर्क करने को कहा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की एक प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस ने एक हमलावर को घर छोड़ा था, लेकिन प्रवक्ता क्रीना ओग्रेडी ने पुलिस के धीमी प्रतिक्रिया देने से इंकार किया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा का फोन आने के 15 मिनट के अंदर पुलिस की दो यूनिट घटनास्थल पर पहुंच गई।