JobanJit Singh Dhillon
Elite
गुजर रह हूँ नाजुक हालातो से और वक़्त भी साथ नहीं दे रहा टूटा हूँ जैसे आसमान से तारा जो किसी को दिखाई नहीं दे रहा बन गया हूँ खिलोने के जैसा होर कोई मुझसे है खेल रहा सब चले गए है साथ छोड़कर मैं फिर भी सब कुछ झेल रहा माना के ऐसा भी [...]