गुजर रह हूँ नाजुक हालातो से

गुजर रह हूँ नाजुक हालातो से और वक़्त भी साथ नहीं दे रहा टूटा हूँ जैसे आसमान से तारा जो किसी को दिखाई नहीं दे रहा बन गया हूँ खिलोने के जैसा होर कोई मुझसे है खेल रहा सब चले गए है साथ छोड़कर मैं फिर भी सब कुछ झेल रहा माना के ऐसा भी [...]
 
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