Punjab News एसजीपीसी चुनाव सितंबर से पहले नहीं

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का साधारण कार्यकाल खत्म हुए एक साल का समय बीत चुका है, परंतु सितंबर से पहले इसके चुनाव होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। अभी तक गुरुद्वारा चुनाव आयोग ने एसजीपीसी चुनावों के लिए वोट बनाने का काम भी शुरू नहीं किया है। जिस कारण चुनाव जल्दी होने की कोई संभावना दिखाई नहीं देती।

हालांकि अकाली दल के विरोध गुटों ने चुनाव का बिगुल फूंक दिया है और प्रेस वार्ताओं के जरिए हमले भी शुरू कर दिए हैं। एसजीपीसी चुनाव को लेकर केंद्र की ओर से भी किसी तरह की सूचना नहीं भेजी गई है। सिख एसजीपीसी को अपनी मिनी संसद भी कहते हैं। इसलिए ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।


ऐसा माना जाता है कि जिस अकाली दल का एसजीपीसी पर कब्जा है, वही अकाली दल राज्य की सत्ता संभाले हुए है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि अकाली दल एसजीपीसी चुनावों के लिए तैयार है। फैसला गुरुद्वारा चुनाव आयोग को करना है। उन्होंने कहा कि हमें किसी का कोई न तो डर है क्योंकि पंथ हमारे साथ है।


एसजीपीसी चुनावों की आहट पाते ही राज्य में बादल विरोधी कई अकाली गुट सक्रिय हो गए हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह सरना बादल विरोधियों की कमान संभालने की कोशिश कर रहे हैं, परंतु बादल विरोधी अपनी डफली अपना राग के सिद्धांत पर चल रहे हैं।


अकाली दल 1920 के अध्यक्ष रविइंद्र सिंह पहले ही अकेले लड़ने की घोषणा कर चुके हैं, अकाली दल अमृतसर के प्रधान सिमरनजीत सिंह मान भी एकला चलो रे के सिद्धांत पर चल रहे हैं। अकाली दल यूके भी पंजाब में कूद गया है। कुल मिलाकर आधा दर्जन पंथक संगठन एसजीपीसी चुनावों के लिए तैयार हो गया है।


सूत्रों से पता चला है कि परमजीत सिंह सरना अभी एसजीपीसी चुनाव करवाए जाने के पक्ष में नहीं है। कहा जाता है कि उन्हें इस बात का डर है कि अकाली दल बादल एसजीपीसी चुनावों में सत्ता का दुरुपयोग कर सकता है। जबकि अकाली दल इसी वर्ष चुनाव चाहता है ताकि उन्हें 2012 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करने के लिए मौका मिल जाए।


अकाली दल के युवा अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल इन चुनावों की कमान खुद संभाले हुए हैं। यह पहला मौका होगा कि एसजीपीसी चुनावों में सिर्फ केसधारी मतदाता ही वोट डाल पाएंगे, इससे पहले के चुनावों में सहजधारी भी वोट डालते रहे हैं। इस बार जो वोट बनेंगे वो केवल केसधारी मतदाताओं के वोट बनेंगे। इस बात को लेकर भी सभी अकाली गुट अपनी अपनी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं। गुरुद्वारा चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त हरफूल सिंह बराड़ ने बताया कि अभी एसजीपीसी के वोट बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है
 
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